Ambedkar kaun the?

Share This Post

“शिक्षा वो शेरनी है। जो इसका दूध पिएगा वो दहाड़ेगा।” – डॉ. भीमराव अम्बेडकर (Ambedkar)

एक Untouchable समाज से आने वाला व्यक्ति जिसने अपने जमाने में Untouched काम किया. आंबेडकर एक ऐसे समाज से आते थे जहाँ पढने लिखने पर जोर नहीं दिया जाता था क्योंकि पढने लिखने का पूरा पूरा अधिकार निम्न जाति के लोगो को थी ही नहीं, ऐसे समाज से आकर उन्होंने न केवल शिक्षा प्राप्त की बल्कि उतनी पढ़ाई की, उतनी डिग्रीयां हासिल की जितना आजतक कोई करते सोच.

लेकिन ये सब आसान नहीं रहा. जब बचपन में पढने स्कूल गये तो क्लास से बाहर बिठाया गया, शिक्षक ने जाति पूछकर भेदभाव किया, बाल मन पर ऐसा गहरा चोट हुआ कि घर वापस आकर माँ से जवाब मांगा, माँ ने बताया की हम नीची जाति से आते हैं. इस जवाब से बाल मन कहाँ संतुष्ट होने वाला था, फिर पूछा कि कैसे पता कि कौन किस जाति से आता है, माँ ने फिर कहा कि किसी किताब में लिखा है की कौन किस जाति का है, भीमराव ने कहा कि किताब गलत भी तो हो सकती है जब मैं लिखूंगा तो ऐसी किताब लिखूंगा जिसमें सब इंसान बराबर होंगे, कोई उचा या नीचा नहीं होगा. कौन जानता था कि वो छोटा सा बच्चा अपने लिए ही भविष्यवाणी कर रहा होगा.

कितना ही गाँधी और अम्बेकर में उस समय विवाद रहा, मतभेद रहे लेकिन जब स्वतंत्र भारत की पहली कैबिनेट बन रही थी तो गाँधी जी ने ही कानून मंत्री के पद के लिए डॉ. आंबेडकर का नाम नेहरु जी को सुझाया था. आंबेडकर ने law की जितनी पढ़ाई की थी, जितना अधिक वो जानते थे उस समय इस पद के लिए इनसे बेहतर candidate हो ही नहीं सकता था ये सभी जान गये थे. Law or economy के इनके ज्ञान से ही RBI मतलब की Reserve bank of India के स्थापना हो सकी. RBI का जो प्रारूप था वो इन्होंने ही सुझाया था. Ambedkar ने एक किताब भी लिखी “The Problem of the Rupee – Its Origin and Its Solution” और इसी किताब के आधार पर हिल्टन यंग आयोग का गठन किया जिसकी सिफारिश पर 1 अप्रैल, 1935 को आरबीआई की स्थापना की गई.

इनके Under Minister of Law and Justice तो था ही साथ ही इन्होंने काफी समय तक Minister of Labour भी सम्भाला. Labour minister के तौर पर उन्होंने working hours को 12 घंटे से घटा कर 8 घंटे किया. Equal pay for equal work का Concept भी भारत को इन्हीं की देन है. आज हमारे घरों में हमारे पापा लोगों के पास जो ESI Card होता है जिससे workers और उनके परिवार का फ्री में इलाज हो सकता है वो scheme भी यही लेकर आये थे. Universal adult franchise मतलब हर adult के पास right to vote होना ही चाहिए चाहे वो किसी भी जेंडर, caste, क्लास या religion का हो. यहाँ तक की Paid Leave or maternity leave भी इन्हीं के द्वारा लाया गया था. और कितना कुछ है DA, Minimum Wage Act, नदी जोड़ परिकल्प जैसे कितने सारे नियमों को अम्बेकर ने नियमों का हिस्सा बनाया ताकि लोगों को उनका हक मिल सके.

Ambedkar ने संविधान जलाने की बात क्यों की?

और भी बहुत कुछ है जिसके बारे में मैंने अपने इस विडियो में विस्तार से चर्चा की है, आशा है आपको पसंद आएगी.

शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो।


Share This Post

Also Read .....

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *